Posted by admin on 2023-06-28 12:46:30 | Last Updated by admin on 2024-12-23 10:04:58
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जय माँ भवानी हुकुम , आप का हम अपनी पोस्ट में एक बार फिर से स्वागत करते हैं। आज हम राजपूत समाज के एक प्रमुख वंश की चर्चा करेंगे। हम पिछले कुछ समय पर इस बिषय पर लिख रहे है।
जिसके अंतर्गत आप बिभिन्न राजपूत वंशों के विषय में हमारे ब्लॉग में पढ़ सकते हैं। हुकुम आज इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज आपको जादौन वंश के बिषय में विस्तार पूर्वक बताएंगे।
जादौन वंश भी राजपूत समाज का एक प्रमुख वंश है आज हम इंटरनेट पर उपलब्ध बिभिन्न साक्ष्यों के आधार पर जादौन वंश के बिषय में कुछ बेहद महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा आज का पोस्ट आपको बेहद पसंद आएगा।
(1). यदुवंशी क्षत्रिय ( जादौन , जाडेजा , भाटी और चुडासमा ) .. जय चंद्रवंशीय अवतार भगवान श्री कृष्णा .. जय श्री ठाकुर जी महाराज…
इन वीर क्षत्रियों के इतिहास के वर्णन से पूर्व इनकी उत्पति के बारे में विचार करते हे | आदिकालीन ऋषि अत्रि के वंशज सोम की संपत्ति (सोमवंशी ) चंद्रवंशी कहलाये। इस वंश के छठे (6th) चंद्रवंशी राजा ययाति के पुत्र चंद्रवंशी राजा यदु के वंशज “यदुवंशी” कहलाये। यदुवंश की 39वी पीढ़ी में श्री कृष्णा हुए और वही श्री कृष्णा से 88वी पीढ़ी के राजा भाटी अंतिम यदुवंशी शासक हुए।
अंतिम यदुवंशी शासक से अभिप्राय यह कि राजा भाटी के बाद यदुवंश यादों , भाटी , जाडेजा और चुडासमा उपशाखाओ से जाना गया। यादों से जादों और फिर जादौन ,, इस प्रकार यदुवंश में भाटी , जादौन , जाडेजा और चुडासमा ( जाडेजा और चुडासमा गुजरात में सबसे ज्यादा है ) राजपूत वंश चले।
(2). यदुवंशी क्षत्रिय जादौन वंश राजपूत समाज का एक प्रमुख वंश है जादौन वंश के राजपूत आज पूरे देश में मौजूद हैं। जादौन वंश का भी इतिहास काफी स्वर्णिम रहा है।आज भी जादौन वंश के राजपूतों की प्रत्येक राज्य में संख्या है।
(3). देश के जिस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जादौन वंश का प्रभाव रहा है वह राजस्थान राज्य रहा है। राजस्थान राज्य के कुछ भागों में जादौन वंश के शासकों ने लंबे समय तक राज्य किया जिनमें सबसे मुख्य करौली का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में आज भी जादौन वंश के क्षत्रियों की अच्छी खासी संख्या है यह क्षेत्र लंबे समय तक जादौन वंश के क्षत्रियों की राजधानी रहा है।
(4). वर्तमान में करोली ( राजस्थान ) यदुवंशी जादौन ( जादव ) राजपूतो की सबसे बड़ी रियासत है। जिसकी स्थापना 13वी शताब्दी में हुयी थी। करोली राजघराने से आकर ठाकुर छतरभुज सिंह जी ने उत्तर प्रदेश के एटा जिले में अबागढ़ जागीर वसाई। (Thakur Chhatarbhuj Singh was founder of the present jagir of Awargarh in 1701) राजा बलवंत सिंह (Raja Saheb of Awagarh 1892/1909) अबागढ़ जागीर के वहुप्रसिद्ध राजा हुए है , इन्होने कॉलेज निर्माण के लिए हजारो एकड़ जमीन दान में दी। जहा उनकी म्रत्यु (1909) के बाद उनके नाम से “राजा बलवंत सिंह कॉलेज ” आगरा में बनवाया गया।
(5). जादौन वंशियों के लिए आज भी करौली क्षेत्र का विशेष महत्व है। जादौन वंश की कुलदेवी का प्रमुख मंदिर यहीं पर मौजूद है। इस बजह से करौली शहर एतिहासिक के साथ साथ धार्मिक रूप से भी प्रमुख स्थल है।
(6). जादौन राजपूतो के ठिकाने -अबागढ़ , मिश्रा , गभाना तहसील पूरी जादौन राजपूतो की है खुर्जा से लेकर टूंडला, हाथरस तक जादौन ही है। जिला बुलंदशहर में भी जादौन राजपूतो के काफी गाँव है। सोमानी (अलीगढ ) अलीगढ जिले में लगभग 80-100 गाँव है। , कोटला ,रहिहाबाद , शमशाबाद (आगरा ), मुसफाबाद ,घिरौर (मैनपुरी ) , सिरसागंज (फिरोजाबाद ) ,सिरसागंज और शिकोहाबाद क्षेत्र के आस – पास लगभग 84 गाँव में जादौन राजपूतो की बहुतायत है। फिरोजाबाद जिले में और भी यही गाँव है जहा जादौन राजपूतो के ठिकाने है। अडीग ( मथुरा ) , कौल ,हसनगढ़ , अकबराबाद, सिकदाराराम , खैर , किरावली , जेवर ( बुलन्दशहर ) इसके आलावा बुलन्दशहर में लगभग 100-150 गाँव ऐसे है जहा जादौन राजपूत बहुतायत में है। आदि उत्तरप्रदेश में जादौन राजपूतो के ठिकाने है। इस प्रकार उत्तरप्रदेश में लगभग 100-150 गाँव जादौन राजपूतो के है।
(7). उत्तरप्रदेश में बसे ज्यादातर जादौन करोली से आये अपने पूर्वजो की संतान है। करोली जिले में जादौ पट्टी में 37 जादौन के ठिकाने है। भिंड और मुरैना मध्यप्रदेश में भी जादौन के लगभग 30 गाँव है। कुछ के नाम यहाँ उपलब्ध है – ( मुरैना ->> चचिहा ,धमकन,अटा, कीरतपुर, सुमावली, नरहेला, बुरावली,शहदपुर, बडोना, बांसी, गढ़ी ,हथरिया ,घुरघान, केमरा।
(8). उत्तरप्रदेश में प्रथम बसने बाले जादौन शासक ठाकुर छतर्भुज जी थे। इन्होंने ने ही उत्तर प्रदेश के एटा जिले में अबागढ़ की जागीर वसाई थी। इसके अलावा यूपी के प्रमुख जादौन वंशियों में राजा बलवंत सिंह जी का नाम आता है। जिन्होंने सैकड़ों एकड़ जमीन विद्यालय के निर्माण हेतु दान में दे दी। आज भी उनके नाम से राजा बलवंत सिंह कॉलेज चल रहा है।
(9). राजस्थान के जादौन राजवंश की कुलदेवी श्री कैलादेवी माँ हैं इनका प्रमुख मंदिर राजस्थान के करौली में मौजूद है। जादौन वंश के साथ साथ देश भर के समस्त हिंदुओं की माँ कैला देवी में गहरी आस्था है । माँ के दरबार में हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है।
(10). कुछ यदुवंशी राजपूतों के ठिकाने दौलताबाद ,देवगिरी के पास तथा बंगाल में भी है | इसके अलावा किसी भी यदुवंशी ठिकानों के विषय में किसी भी यदुवंशी राजपूत भाई को जानकारी हो तो वे बताने की कृपा जरूर करें हो सकता है मुझे जानकारी न हो।इस लिए ही ये पोस्ट डाली गई है। किसी भी यदुवंश से सम्बंधित जानकारी के लिए समाज के सभी भाइयों से सहयोग अपेक्षित भी है । जय हिन्द। जय श्री कृष्णा। जय यदुवंश।
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